क्या घर में पारद शिवलिंग रखना सुरक्षित होता है?
- वरदान के कारण नर्मदा नदी का कण-कण शिव माना जाता है. - नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है. - कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है.
ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की तरह, स्फटिक शिवलिंग की पूजा भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, जिससे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
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सर्वप्रथम प्रतिमा को गंगाजल एवं कच्चे दूध से नहलाएं।
अच्छे अवसर हाथ से क्यों निकल जाते हैं?: एक आलसी शिष्य को उसके गुरु ने पारस पत्थर दिया और कहा कि दो दिन में जितना चाहे, उतना सोना बना लो, तुम्हारा जीवन सुधर जाएगा
सकारात्मक वातावरण: यह शिवलिंग नकारात्मक विचारों और भावनाओं से घर के सदस्यों की रक्षा करता है, जिससे घर में सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है।
पूजा के दौरान कुबेर देव को धूप-दीप दिखाते हुए “ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:” मंत्र का जाप करें।
पारद शिवलिंग को घर में स्थापित करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
रोज साध्या पाण्याने किंवा सुविधा असेल तर गंगाजल च्या पाण्याने अभिषेक करावा.
- थाल या पात्र में एकत्रित जल को पौधों में डाल सकते हैं.
ऐसी अद्भुत महिमा है पारे के शिवलिंग की। आप भी इसे अपने घर में स्थापित कर घर में समस्त दोषों से मुक्त हो सकते हैं। लेकिन ध्यान अवश्य रहे कि साथ में शिव परिवार को भी रख कर पूजन करें।
अगर आपका पारद शिवलिंग नकली है तो यह सोने के साथ कोई क्रिया नहीं करेगा और सोना जैसे का तैसा ही रखा रहेगा।
शिवलिंगावर घरात read more सतत पाण्याची धार लावणे हे शक्य नसते म्हणून त्यावर चंदन पावडर गंगाजल मध्ये मिक्स करून लेप करून ठेवावा.